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लोनी तटवर्ती इलाकों में यमुना की बाढ़: ताज़ा स्थिति, जोखिम और राहत की पूरी तस्वीर

लोनी (गाज़ियाबाद)। 4 सितम्बर 2025 — यमुना नदी का जलस्तर लोनी तटवर्ती क्षेत्र में खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है। प्रशासन, एनडीआरएफ और स्थानीय निकायों की टीमें लगातार राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं। नीचे मौजूदा स्थिति, प्रभावित क्षेत्र, प्रशासनिक तैयारी और ज़रूरी सलाह का संपूर्ण, प्रकाशन-योग्य विवरण दिया जा रहा है।

वर्तमान जलस्तर और खतरे का आकलन
लोनी से लगे यमुना तट पर जलस्तर 209 मीटर के खतरे के निशान से ऊपर दर्ज है; कई रिपोर्टों के मुताबिक यह 211–211.7 मीटर तक पहुँचा—जो 2023 के 212.15 मीटर के रिकॉर्ड उच्चतम स्तर से थोड़ा कम है। बढ़ोतरी का मुख्य कारण हरियाणा के हाथिनीकुंड बैराज से तेज़ छोड़ा गया पानी और कैचमेंट में लगातार वर्षा रही।

दिल्ली क्षेत्र में ओल्ड रेलवे ब्रिज (लोहे का पुल) पर स्तर 206–207.4 मीटर के बीच बना, जिस कारण एहतियातन लोहे के पुल को 2 सितम्बर शाम से यातायात के लिए बंद किया गया और वैकल्पिक मार्गों की सलाह दी गई। यह पाबंदी एनसीआर ट्रैफ़िक और आपूर्ति पर असर डाल रही है।

प्रभावित क्षेत्र और निकासी
लोनी तहसील के बदरपुर (खदर) गाँव समेत तटवर्ती बस्तियों से एनडीआरएफ और प्रशासन ने परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया। केवल बदरपुर खदर में ही 25 से अधिक परिवार निकाले गए; लोनी क्षेत्र से कुल मिलाकर क़रीब 150 लोग सरकारी आश्रयों में स्थानांतरित किए गए।
ज़िले में 19 फ़्लड पोस्ट सक्रिय कर दिए गए हैं। पिछले 24 घंटों में सैकड़ों लोगों को राहत शिविरों तक पहुँचाया गया और मवेशियों को भी सुरक्षित स्थानों पर शिफ़्ट किया गया।
अलीपुर पुस्‍ता वर्तमान में स्थिर बताया गया है, पर सैंडबैगिंग और निगरानी बढ़ा दी गई है ताकि अतिरिक्त बहाव को झेला जा सके।

राहत और बचाव—ज़मीनी स्थिति
प्रशासन, उपजिलाधिकारी लोनी और एनडीआरएफ की टीमों के समन्वय से राहत एवं बचाव अभियान सतत चल रहे हैं। प्रभावित परिवारों के लिए भोजन वितरण, स्वास्थ्य जाँच, पेयजल और अस्थायी आश्रय की व्यवस्था की गई है; कुल कई राहत शिविर संचालित हैं।
निरंतर वर्षा और जलनिकासी के दबाव को देखते हुए हेल्पलाइन/कंट्रोल रूम सक्रिय हैं; ज़ोन-वार नंबर जिला प्रशासन ने जारी किए हैं ताकि त्वरित मदद पहुँचे।
सुरक्षा के मद्देनज़र गाज़ियाबाद ज़िला प्रशासन ने स्कूलों (कक्षा 12 तक) को 3 सितम्बर को बंद रखने का निर्णय लिया था और तटीय, निचले इलाकों में अतिरिक्त एहतियाती कदम उठाए थे।

लोनी पट्टी: गाँव, खेत और आजीविका पर असर
लोनी पट्टी के बदरपुर खादर, पचेयरा और पुस्‍ता से सटे खेतों में पानी भरने से फसलों और चारे को नुकसान की आशंका है। ग्रामीणों में पुस्‍ता पर दबाव को लेकर चिंता बनी हुई है, हालांकि इंजीनियरिंग टीमें चौबीसों घंटे निगरानी कर रही हैं।

क्यों बढ़ रहा है पानी?
हिमालयी कैचमेंट में भारी वर्षा के बाद हाथिनीकुंड बैराज से उच्च डिस्चार्ज (1–3 लाख क्यूसेक के बीच) हुआ, जिसका असर नीचे की धाराओं—दिल्ली, नोएडा और गाज़ियाबाद—पर पड़ा। नतीजतन यमुना का स्तर कई गेज़ स्टेशनों पर खतरे के निशान से ऊपर चला गया।

प्रशासन की अपील और नागरिकों की ज़िम्मेदारी
तटवर्ती/निचले इलाकों के निवासी स्वेच्छा से सुरक्षित स्थानों पर जाएँ, बिजली उपकरणों से दूर रहें और रात्रि में जलधाराओं के पास आवाजाही न करें।
यदि आप पुस्‍ता/खदर क्षेत्रों (झुग्गी-झोपड़ी या अस्थायी बस्तियों) में रहते हैं, तो सरकारी आश्रय शिविर का उपयोग करें और मेडिकल/फ़ूड सपोर्ट के लिए नज़दीकी राहत केंद्र से संपर्क करें। (ज़िला प्रशासन द्वारा ज़ोन-वार हेल्पलाइन जारी)

उपयोगी संपर्क (आधिकारिक)
ज़िला मजिस्ट्रेट, गाज़ियाबाद (कार्यालय): 0120-2824416; 0120-2820106; 0120-2821616 (कैंप कार्यालय) — ईमेल: dmgha[at]nic[dot]in

जिला प्रशासन डायरेक्टरी: मुख्य अधिकारियों के संपर्क विवरण आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।

कुल मिलाकर वर्तमान स्थिति
लोनी तटवर्ती इलाकों में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है। बदरपुर खदर सहित प्रभावित गाँवों में निकासी और राहत कार्य तेज़ हैं, अलीपुर पुस्‍ता पर निगरानी/सुदृढ़ीकरण जारी है और प्रशासन ने हेल्पलाइन, आश्रय और भोजन की व्यवस्था की है। स्थिति गतिशील है; इसलिए आधिकारिक निर्देशों का पालन करें और अफ़वाहों से बचें। ताज़ा अपडेट के लिए जिला/ट्रैफ़िक/राजस्व विभाग की अधिकारिक सूचनाएँ देखें

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