भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर वार्ता लगातार जारी है, जबकि अमेरिका में सरकारी शटडाउन के कारण संवाद की गति थोड़ी धीमी हुई है। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal )ने स्पष्ट किया है कि दोनों देश विभिन्न स्तरों पर सतत संपर्क में हैं और व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की पूरी संभावना है। इस वार्ता का मुख्य उद्देश्य पारस्परिक व्यापारिक हितों की सुरक्षा और द्विपक्षीय आर्थिक संवर्धन है|
### बातचीत की स्थिति
अमेरिका में एक अक्टूबर से कुछ विभागों में कामकाज ठप है, जिससे कई सरकारी कर्मचारी प्रभावित हुए हैं और सेवाएं बंद हैं। बावजूद इसके, दोनों देशों के अधिकारी और प्रतिनिधि लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। अगले चरण की वार्ता किस स्थान और कब होगी, इसका निर्धारण अमेरिकी प्रशासन के हालात पर निर्भर करेगा, लेकिन भारत और अमेरिका अब तक पांच दौर की सफल वार्ता कर चुके हैं|
प्राथमिकताएँ और लक्ष्य
पिछले महीने न्यूयॉर्क में हुई मंत्री स्तर की बैठक के बाद दोनों पक्षों में व्यापार समझौते के पहले चरण को नवंबर 2025 तक अंतिम रूप देने की सहमति बनी थी। इस समझौते का लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है। मुख्य मुद्दों में अमेरिकी टैरिफ, बाजार पहुंच और पेटेंट एवं टेक्सटाइल जैसे क्षेत्रों में भारत की मांगें प्रमुख हैं |
अमेरिकी सरकार के शटडाउन के चलते मौजूदा वार्ता का अगला दौर प्रभावित हो सकता है, लेकिन दोनों देशों के नेतृत्व ने बातचीत को सकारात्मक दिशा देने की प्रतिबद्धता दोहराई है। मंत्री गोयल ने कहा कि भारत कभी भी अपने हितों से समझौता नहीं करेगा और समझौता तभी होगा जब वह देश के हित में होगा|
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की बातचीत चुनौतियों के बावजूद सकारात्मक माहौल में आगे बढ़ रही है। दोनों देश अपनी आवश्यकताओं और हितों पर ध्यान रखते हुए समझौते की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे द्विपक्षीय संबंध और आर्थिक साझेदारी को नई ऊंचाई मिलेगी|